Sunday, May 22, 2011

तुम्हे हो यकीं या न यकीं - Ghazal

ये तो पहली नज़र का प्यार है
तुम्हे हो यकीं या न यकीं |

मेरे दिल की तारीफ तुमसे है
तुम्हे हो यकीं या न यकीं |

मेरी छाया नहीं तुम हो मेरी
है ख्याब या ये है यकीं |
ये तो पहली नज़र का प्यार है
तुम्हे हो यकीं या न यकीं |

हो फूल या कली खिली
न सवाल अब, तो है यकीं |
ये तो पहली नज़र का प्यार है
तुम्हे हो यकीं या न यकीं |

1 comment:

गौरव मिश्रा पथिक said...

हां याकी है की यह प्यार है पहली नजर का|
हां याकी है की यह गुल प्यार का ही खिला है|

पर इस भवरे सी घूमती नज़र का क्या भरोसा|
जो कल कही किसी और गुल पर जा लटके|